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Dr. TR. Yadav (For the best paediatric services)

Vaccination

पोलियो एवं ट्रिपल एंटीजन / D.P.T. टीके की विस्तृत जानकारी

पोलियो (POLIO)

बुखार के साथ हाथ या पैर में कमजोरी आ जाना अक्सर पोलियो के कारण होता है। पोलियो बुखार कभी-कभी दिमागी बुखार का भी कारण होता है। जिससे बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है। पोलियो की बूंदे (POLIO DROPS) इस बीमारी को रोकने की कोशिश करती है। पहली खुराक जन्म के तुरन्त बाद दी जा सकती है। पहले वर्ष में एक माह के अन्तर से पांच खुराकें पिलाई जाती हैं। डेढ़ वर्ष एवं पांच वर्ष पर प्रभाववर्धक खुराकें दिलाई जाती हैं। प्रति वर्ष राष्ट्रीय तथा प्रान्तीय स्तर पर कई बार पल्स पोलियो अभियान चलाया जाता है। पांच वर्ष से नीचे के सभी बच्चों को (चाहे वे बीमार हो या उन्होंने पोलियो को नियमित खुराकें पूरी कर ली हो) पल्स पोलियो के दौरान पोलियो की अतिरिक्त खुराकें आवश्यक हैं।

डिप्थीरिया (DIPTHERIA)

गले में डिप्थीरिया होने पर प्रायः सांस की नली के मुँह पर मवाद की एक झिल्ली पद जाती है। जिससे सांस लेने में घुटन होती है। एवं सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधायें प्रदान करने पर भी १० में से १ मरीज की मृत्यु हो जाती है। कभी-कभी डिप्थीरिया के बाद आखों एवं दिल की मांसपेशियों में फालिज भी पद जाता है। ट्रिपल एंटीजन/डी.पी.टी. टीका (TRIPLE ANTIGEN/D.P.T. VACCINE) इस बीमारी को रोकने की कोशिश करता है। डी.पी.टी. का पहला इंजेक्शन डेढ़ माह की उम्र से शुरू किया जाता है। उसके बाद पहले वर्ष में एक-एक माह क्ले अन्तर से दो और इंजेक्शन दिए जाते हैं। डेढ़ वर्ष एक पांच वर्ष की उम्र पर इसकी प्रभाववर्धक डोज़ भी दी जाती है।

काली खांसी (PERTUSSIS/WHOOPING COUGH)

काली खांसी एक गम्भीर किस्म की खांसी है जो प्रथम वर्ष में जीवन के लिए प्रायः खतरा साबित होती है। इसमें खांसने के दौरे पड़ते हैं जो आमतौर पर उलटी आ जाने के साथ रुकते हैं। अक्सर यह खांसी इलाज के बावजूद कई सप्ताह तक चलती है। ट्रिपल एंटीजन /डी.पी.टी. टीका (TRIPLE ANTIGEN/D.P.T. VACCINE) इस बीमारी को रोकने की कोशिश करता है।

टिटनेस (TETANUS)

गर्भावस्था में टिटनेस का टीका न लगा होना व नाभि की सफाई न होना नवजात शिशुओं को टिटनेस का एक मुख्य कारण है। इन शिशुओं में से प्रायः १५ प्रतिशत बच नहीं पाते हैं। वैसे टिटनेस के कीटाणु से संक्रमित चोट लग जाने पर किसी भी उम्र में टिटनेस का टीका पहले कुछ सप्ताहों के लिए बच्चे को टिटनेस से बचाता है। उसके बाद छोटी उम्र में लगने वाले ट्रिपल एंटीजन डी.पी.टी. टीका (TRIPLE ANTIGEN/D.P.T. VACCINE) इस बीमारी को रोकने की कोशिश करता है।


हिपेटाइटिस-बी पीलिया के टीके की विस्तृत जानकारी

हिपेटाइटिस-बी पीलिया (HEPATITIS-B JAUNDICE)

बबुखार के साथ लिवर में सूजन आना पीलिया बीमारी की मुख्य समस्या है। इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं भूख कम हो जाना, उलटी आना, आखों का पीला पड़ जाना, पेशाब का पीला हो जाना एवं टट्टी का सफ़ेद हो जाना। कभी-कभी तेजी से बढ़ने पर यह बीमारी जीवन के लिए खतरा साबित हो सकती है। कभी-कभी गम्भीर हिपेटाइटिस-बी पीलिया से बचने वाला रोगी बड़ी उम्र पर लिवर सिरोसिस एवं लिवर कैंसर का भी शिकार हो सकता है। हिपेटाइटिस-बी टीका इसे रोकने की कोशिश करता है।

इस टीके की पहली खुराक जन्म पर लगायी जाती है। दूसरी खुराक पहले टीके के एक माह बाद व तीसरी खुराक पहले दूसरे टीके के ६ माह बाद लगायी जाती है। सही उम्र निकल जाने पर तथा वयस्कों में भी टीका लगाया जा सकता है। यह टीका अन्य टीकों जैसे पोलियो व डी.पी.टी. के टीकों के साथ भी लगाया जा सकता है।